tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post1851356380734367148..comments2024-02-08T02:17:06.745-08:00Comments on मेरा सरोकार: बुजुर्गों का मनोविज्ञान !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-90772027740285419582012-05-23T23:53:40.456-07:002012-05-23T23:53:40.456-07:00बुजुर्ग घर के देवता की तरह होते हैं ... उनका मान स...बुजुर्ग घर के देवता की तरह होते हैं ... उनका मान सम्मान जरूरी है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-57565280674505164242012-05-22T23:51:52.928-07:002012-05-22T23:51:52.928-07:00अलबेला जी,
ये तो फि...अलबेला जी,<br /><br /> ये तो फिर भी गमिनत है कि हम उनके खालीपण को भरने की नहीं सोच रहे हें लेकिन उनके सामने तो हें भले ही न बोलेन न बात करें लेकिन अपनी सोचनी चाहिए कि हमारे लिए कोई इतना भी नहीं होगा कि हमारे सामने से गुजर जाए. जिस संस्कृति की ओर हम जा रहे हें वह हमें अपने से दूर ले जा रही है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-68274441633621641932012-05-22T23:48:25.426-07:002012-05-22T23:48:25.426-07:00सतीश जी,
बुजुर्गों क...सतीश जी,<br /><br /> बुजुर्गों के लिए हम जो कर सकें काम है और फिर माँ तो इतना कुछ करती है अपनी संतान के लिए कि हमारा रोम रोम उनके कर्ज में दबा रहता है. हम चलते हें तो माँ रो देती है , हम मुसीबात में तो माँ की नींद उड़ जाती है फिर कैसे हम उनको समझने की भूल कर लेते हें . इतनी सुंदर कविता के लिए धन्यवाद !रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-89205894893789238502012-05-22T20:11:16.681-07:002012-05-22T20:11:16.681-07:00सबसे पहला गीत सुनाया
मुझे सुलाते , अम्मा ने !
थप...सबसे पहला गीत सुनाया <br />मुझे सुलाते , अम्मा ने ! <br />थपकी दे दे कर बहलाते <br />आंसू पोंछे , अम्मा ने !<br />सुनते सुनते निंदिया आई,आँचल से निकले थे गीत !<br />उन्हें आज तक भुला न पाया ,बड़े मधुर थे मेरे गीत !<br /><br />आज तलक वह मद्धम स्वर <br />कुछ याद दिलाये कानों में !<br />मीठी मीठी लोरी की धुन, <br />आज भी आये, कानों में ! <br />आज जब कभी नींद ना आये,कौन सुनाये मुझको गीत ! <br />काश कहीं से मना के लायें , मेरी माँ को , मेरे गीत !<br /><br />मुझे याद है ,थपकी देकर, <br />माँ अहसास दिलाती थी ! <br />मधुर गुनगुनाहट सुनकर <br />ही,आँख बंद हो जाती थी !<br />आज वह लोरी उनके स्वर में, कैसे गायें मेरे गीत !<br />कहाँ से ढूँढूँ ,उन यादों को,माँ की याद दिलाते गीत !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-68892259715958877862012-05-22T18:31:19.070-07:002012-05-22T18:31:19.070-07:00बिल्कुल सही कहा आपने यही हमारा भी भविष्य है लेकिन ...बिल्कुल सही कहा आपने यही हमारा भी भविष्य है लेकिन ये जो हमने और आपने कलम थाम रखी है शायद इसके रहते एकाकीपण का अहसास काम हो जाता है. सबसे बड़ा साथी और कहने सुनाने और सुनने का आधार है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-11760820760763737172012-05-22T08:23:38.244-07:002012-05-22T08:23:38.244-07:00विवेकपूर्ण विचारविवेकपूर्ण विचारArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-80813136057981282082012-05-22T00:13:37.787-07:002012-05-22T00:13:37.787-07:00सार्थक पोस्ट ......सार्थक पोस्ट ......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-80120696609263056252012-05-21T05:34:17.271-07:002012-05-21T05:34:17.271-07:00प्यार और मान तो हर उम्र में चाहिए..पर आजकल है ही क...प्यार और मान तो हर उम्र में चाहिए..पर आजकल है ही कहाँ जो कोई बांटेगा.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-26538098507027518872012-05-20T12:19:38.621-07:002012-05-20T12:19:38.621-07:00इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट क...<a href="http://bulletinofblog.blogspot.com/2012/05/101.html" rel="nofollow">इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बामुलिहाज़ा होशियार …101 …अप शताब्दी बुलेट एक्सप्रेस पधार रही है </a>ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-72576904462215393142012-05-20T11:37:01.812-07:002012-05-20T11:37:01.812-07:00यह स्थिति सबके साथ आती है ... पर सच ही बस थोड़ा स...यह स्थिति सबके साथ आती है ... पर सच ही बस थोड़ा सा ध्यान देने की ज़रूरत है .... बहुत सार्थक लेखसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-1432972443525736082012-05-20T09:02:37.635-07:002012-05-20T09:02:37.635-07:00सही कहा आप ने। एक बार फ़िर कहूंगी कि इसके लिए काफ़ी ...सही कहा आप ने। एक बार फ़िर कहूंगी कि इसके लिए काफ़ी हद्द तक व्यक्तिवाद जिम्मेदार है।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-89535463221614807522012-05-20T06:56:13.798-07:002012-05-20T06:56:13.798-07:00यह स्थिति दुखद है , पर यही हो रहा है ... समय नहीं ...यह स्थिति दुखद है , पर यही हो रहा है ... समय नहीं - मेरी माँ की भी यही शिकायत , हम सब उसे बहुत ज्यादा प्यार करते - पर हमारी अपनी उम्र के साथ हमारी जिम्मेदारियां मुंह बाए खड़ी हैं ...पूछकर , बताकर भी एक खालीपन है ... वह हमारे हिस्से भी आएगारश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-40762428527751743532012-05-20T06:52:55.014-07:002012-05-20T06:52:55.014-07:00रेखा जी,
मन भर आया यह पोस्ट बाँच कर.
बुज़ुर्गों क...रेखा जी,<br />मन भर आया यह पोस्ट बाँच कर.<br /><br />बुज़ुर्गों के जीवन का खालीपन भरने को हर संतान तत्पर रहनी चाहिए.........परन्तु अफ़सोस कि आज इसका अभाव हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-21853257242695936012012-05-20T06:33:49.056-07:002012-05-20T06:33:49.056-07:00जैसे हमें अभी प्यार चाहिये, बुढ़ापे में भी चाहिये....जैसे हमें अभी प्यार चाहिये, बुढ़ापे में भी चाहिये..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-60182404311939984612012-05-20T06:22:58.380-07:002012-05-20T06:22:58.380-07:00्सटीक व सार्थक पोस्ट्।्सटीक व सार्थक पोस्ट्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-15419070191411862112012-05-20T06:09:38.510-07:002012-05-20T06:09:38.510-07:00सार्थक पोस्ट ..सार्थक पोस्ट ..Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-67217954425511079132012-05-20T05:43:34.487-07:002012-05-20T05:43:34.487-07:00हाँ शास्त्री जी , ये आज की सबसे बड़ी समस्या बन चुक...हाँ शास्त्री जी , ये आज की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है सिर्फ छोटी सी बात हम समझ लें तो फिर बुजुर्ग उपेक्षित क्यों रहें? पैसा आज उनके पास भी है लेकिन वो अपनत्व जो उन्हें चाहिए खरीदा नहीं जा सकता है. कल हम भी इसी अपनत्व के लिए तड़प रहे होंगे ये हमें अहसास नहीं होता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-89562445776357056062012-05-20T05:26:42.646-07:002012-05-20T05:26:42.646-07:00बहुत ही उपयोगी पोस्ट लगाी है आपने हम जैसे बुजुर्गो...बहुत ही उपयोगी पोस्ट लगाी है आपने हम जैसे बुजुर्गों के लिए..!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com