tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post3321057873269289015..comments2024-02-08T02:17:06.745-08:00Comments on मेरा सरोकार: अम्बेडकर जयंती !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-46991145864867407712012-04-19T11:13:17.732-07:002012-04-19T11:13:17.732-07:00अम्बेदकर साहब की मूर्तियों के द्वारा कब्ज़ा करना व...अम्बेदकर साहब की मूर्तियों के द्वारा कब्ज़ा करना वैसा ही हो गया है जैसे किसी सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने के लिए एक पत्थर रख कर कुछ फूल माला चढा दो और किसी भगवान का मंदिर बना दो. ये सभी आस्था या प्रेम के लिए नहीं बल्कि संपत्ति या भूमि हथियाने का तरीका है और सरकार... <br />अच्छा आलेख, आभार.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-17638311158803937132012-04-15T07:22:27.438-07:002012-04-15T07:22:27.438-07:00सहमत ....अब अम्बेडकर की मूर्तिया भी कब्जा करने का ...सहमत ....अब अम्बेडकर की मूर्तिया भी कब्जा करने का साधन हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-64623374433989622952012-04-15T01:16:20.779-07:002012-04-15T01:16:20.779-07:00अजित जी,
ये सब उनके प्रशंसक ...अजित जी,<br /> ये सब उनके प्रशंसक नहीं है बल्कि उनकी देश के लिए भूमिका से पूरी तरह परिचित भी नहीं है , हाँ इतना मालूम है कि इस मूर्ति से अपने लिए अवैध कब्जे को भी वैध बनाये रख सकते हैं. अगर मोहल्ले को ये नाम दे दिया तो उसको सारी सुविधाएँ मिल रही हैं और गाँव का नाम हो गया तो फिर वह शहर से बेहतर बन गया लेकिन इसके बाद ?रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-82743947062924220742012-04-15T01:12:39.999-07:002012-04-15T01:12:39.999-07:00कहने का मन इसलिए नहीं होता कि इस सब को देखने के लि...कहने का मन इसलिए नहीं होता कि इस सब को देखने के लिए तुम दूर बैठी हो और हम जब सड़क पर निकलते हैं तो अपने ही बाल नोचने का मन करता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-75355550920756958162012-04-15T01:10:29.931-07:002012-04-15T01:10:29.931-07:00usa आग को बुझाने के जतन तो होने ही चाहिए, वर्ना सं...usa आग को बुझाने के जतन तो होने ही चाहिए, वर्ना संविधान में दिए अधिकारों का सदुपयोग नहीं दुरूपयोग करने में लगे हें लोग.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-69266520956818057862012-04-14T23:05:55.466-07:002012-04-14T23:05:55.466-07:00सबके अपने अपने आकाश..सबके अपने अपने आकाश..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-2528592548197023142012-04-14T21:02:04.278-07:002012-04-14T21:02:04.278-07:00आजादी के पूर्व देश में संविधान नहीं था। अम्बेडकर ...आजादी के पूर्व देश में संविधान नहीं था। अम्बेडकर जी को यह गौरव प्राप्त है कि उन्होंने देश के लिए एक संविधान का निर्माण किया। लेकिन उन्हीं के प्रशंसक संविधान को नही मानकर अपनी इच्छा से जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, यह दुखद है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-86959921635316946882012-04-14T10:55:51.821-07:002012-04-14T10:55:51.821-07:00स्वार्थ सिद्धि!!स्वार्थ सिद्धि!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-33021713691285849022012-04-14T10:13:38.839-07:002012-04-14T10:13:38.839-07:00क्या कहा जाये..अब तो कुछ कहने का भी मन नहीं होता.क्या कहा जाये..अब तो कुछ कहने का भी मन नहीं होता.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-7294397880271990052012-04-14T07:10:37.222-07:002012-04-14T07:10:37.222-07:00अम्बेडकर जी के नाम और उनकी मूर्ति को भुनाने का धंध...अम्बेडकर जी के नाम और उनकी मूर्ति को भुनाने का धंधा करने वाले कुछ स्वार्थी तत्व निजी स्वार्थ के लिए प्रयोग कर रहे हें।<br /><br />कोई इस विवाद में हाथ नहीं डालना चाहता , अपनी स्वार्थ की रोटियाँ सेकते हाथ जल जाएँगेसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-87418829316792104742012-04-14T05:33:31.586-07:002012-04-14T05:33:31.586-07:00bahut umada samyik vishleshan... aaj baba ambedkar...bahut umada samyik vishleshan... aaj baba ambedkar jaise vyktitva ki jarurat hai ..lekin asfsos yahi hai hi aaj sirf apni roti sekne walon ki bheed kuch jayada hi hai..<br />Baba ji ko shat-shat naman!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com