tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post3951898657342546777..comments2024-02-08T02:17:06.745-08:00Comments on मेरा सरोकार: गर्मियों की छुट्टियाँ और अपना बचपन (१६)रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-8876767186254793332011-06-27T22:09:55.047-07:002011-06-27T22:09:55.047-07:00wah.maza aa gaya.bahut achcha hua ki aap bhi yahan...wah.maza aa gaya.bahut achcha hua ki aap bhi yahan aa gayeen......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-90565021807649304322011-06-27T22:09:26.491-07:002011-06-27T22:09:26.491-07:00wah.maza aa gaya.bahut achcha hua ki aap bhi yahan...wah.maza aa gaya.bahut achcha hua ki aap bhi yahan aa gayeen......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-41285776396050237952011-06-26T05:11:43.654-07:002011-06-26T05:11:43.654-07:00बहुत भाव भीनी यादें हैं ... पर अब वो गान्ह, वो बचप...बहुत भाव भीनी यादें हैं ... पर अब वो गान्ह, वो बचपन, वो प्यार वो मस्ती सब कहीं खो गया है .. अर्थ के नीचे दब गया है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-2645058432683775162011-06-26T05:07:20.105-07:002011-06-26T05:07:20.105-07:00बचपन हमारे अन्दर ही छिपा होता है...इस तरह संस्मरण ...बचपन हमारे अन्दर ही छिपा होता है...इस तरह संस्मरण के माध्यम से बाहर निकल आता है :)मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-18830674363460651652011-06-26T03:54:18.061-07:002011-06-26T03:54:18.061-07:00बहुत बढ़िया संस्मरण रहा आपका।
गाँव की हमारी भी याद...बहुत बढ़िया संस्मरण रहा आपका।<br />गाँव की हमारी भी यादें ताज़ा हो गईं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-53293781408984478402011-06-24T10:43:37.255-07:002011-06-24T10:43:37.255-07:00कितनी प्यारी यादें हैं बचपन की क्या ऐसा कुछ आज के...कितनी प्यारी यादें हैं बचपन की क्या ऐसा कुछ आज के बच्चों को याद रहेगा ? रोचक प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-87812003951270051502011-06-24T08:22:12.591-07:002011-06-24T08:22:12.591-07:00वह आनन्द अब नहीं मिलता है, टीवी, चैनल सबने मिल कर ...वह आनन्द अब नहीं मिलता है, टीवी, चैनल सबने मिल कर चौपट कर दिया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-59289767173218337912011-06-24T04:59:03.008-07:002011-06-24T04:59:03.008-07:00waah rekha di....wahi to main sochun....aapne khud...waah rekha di....wahi to main sochun....aapne khud ke baare me kyon nahi bataya tha...!!<br />achchha laga!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-34335138211937880512011-06-24T02:03:31.307-07:002011-06-24T02:03:31.307-07:00बहुत बढ़िया संस्मरण रहा...हम तो जानते थे कि आप याद...बहुत बढ़िया संस्मरण रहा...हम तो जानते थे कि आप यादों की गठरी खोले बिना न रह पायेंगी...अच्छा किया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-62891657953652375272011-06-23T23:59:52.798-07:002011-06-23T23:59:52.798-07:00बैलगाड़ी ही नहीं बच्चों से गर्मियों की छुट्टियों क...बैलगाड़ी ही नहीं बच्चों से गर्मियों की छुट्टियों का वो आनंद भी छीन लिया है हमने...गर्मियों की छुतियों में आजकल शहरों के बच्चे होंबी क्लासेज में जाते हैं...वहां आर्ट क्राफ्ट डांस स्केटिंग आदि सीखते हैं...उन्हें क्या मालूम गर्मियों की दुपहरी में ननिहाल में उधम कूद करने आनंद...<br />रोचक संस्मरण.<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-57536434771671129212011-06-23T22:15:33.183-07:002011-06-23T22:15:33.183-07:00रेखा जी
आपकी भीनी भीनी यादो की सुगंध हम तक पहुंच ...रेखा जी <br />आपकी भीनी भीनी यादो की सुगंध हम तक पहुंच गयी तो हम भी उसी मे खो गये…………कुछ यादें ज़िन्दगी भर सम्हालने योग्य होती है और बचपन की यादे ही शायद ऐसी होती है बचपन सी मासूम्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-17227340394726042122011-06-23T22:12:02.174-07:002011-06-23T22:12:02.174-07:00किसी ने ठीक ही कहा है कि -
गाँव सचमुच नहीं रहा गाँ...किसी ने ठीक ही कहा है कि -<br />गाँव सचमुच नहीं रहा गाँव अब, <br />रह गयी है यादें बस वही पुरानी मासूम चिड़िया सी चुलबुली <br />अब तो इसे भी हो गया है सोहबत शहर के मनचलों से ...!<br /><br />आपका संस्मरण बहुत सुन्दर है, पढ़कर अच्छा लगा, बधाईयाँ !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-27198235473777005692011-06-23T22:05:31.195-07:002011-06-23T22:05:31.195-07:00मन नहीं माना न ? पहुँच गईं न वहाँ जहाँ से लौटने का...मन नहीं माना न ? पहुँच गईं न वहाँ जहाँ से लौटने का दिल नहीं करता और तस्वीर बिल्कुल बच्चों सी है .... पढ़ते पढ़ते दिल करता है , एक बार फिर ऐसा कुछ कर जाएँ .... पर अब वो मासूमियत कहाँ !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-81301713547276030282011-06-23T21:49:24.364-07:002011-06-23T21:49:24.364-07:00हाँ अजित जी,
न पहले जैसे गाँव ...हाँ अजित जी,<br /><br /> न पहले जैसे गाँव रहे और न पहले जैसा प्यार रहा लेकिन वे बचपन के दिन याद तो आते ही हैं. काश फिर लौट आयें.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-52350619037027708562011-06-23T21:40:03.544-07:002011-06-23T21:40:03.544-07:00रेखाजी, बहुत अच्छा संस्मरण। पहले जैसे गाँव अब नह...रेखाजी, बहुत अच्छा संस्मरण। पहले जैसे गाँव अब नहीं रहे। वहाँ भी आत्मीयता की जगह दूरियों ने ले ली है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com