tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post6024448983189216848..comments2024-02-08T02:17:06.745-08:00Comments on मेरा सरोकार: गर्मियों की छुट्टियाँ और अपना बचपन (१५)रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-71898203624550036192021-06-01T11:55:39.363-07:002021-06-01T11:55:39.363-07:00AWESOME POST THANKS FOR SHARE I LOVE THIS POST<a href="https://lovesov.com/" rel="nofollow">AWESOME POST THANKS FOR SHARE I LOVE THIS POST</a>LOVESOVhttps://www.blogger.com/profile/16420590624562532204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-29104749311733598382011-08-07T13:01:52.645-07:002011-08-07T13:01:52.645-07:00यह उत्तम रचना सोमवार को हमारे साथ आप देख सकते हैं ...यह उत्तम रचना सोमवार को हमारे साथ आप देख सकते हैं ब्लॉगर्स मीट वीकली में। आपका स्वागत है।<br /><a href="http://hbfint.blogspot.com/2011/08/3-happy-friendship-day.html" rel="nofollow">http://www.hbfint.blogspot.com/</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-90558460604380891992011-08-03T08:03:28.739-07:002011-08-03T08:03:28.739-07:00भारत की आत्मा गांवों में बसती है
रेखा जी से कल फ़ोन...<b>भारत की आत्मा गांवों में बसती है</b><br />रेखा जी से कल फ़ोन पर बात हुई तो पता चला कि हमारा भेजा हुआ संस्मरण उन्होंने पब्लिश कर दिया है। आज उन्होंने लिंक भेजा तो इधर आना हुआ और देखा कि यहां तो इसे पढ़ा भी गया है और सराहा भी काफ़ी गया है। टिप्पणी देने वाले सभी ब्लॉगर्स का मैं दिल से आभारी हूं और जनाब नीरज गोस्वामी जी की बात को बिल्कुल सही मानता हूं कि गर्मियों की छुट्टियों में मौज-मस्ती का जो एक आदर्श ख़ाका हमारे ज़हन में होता है, हमने उसे जिया है, अल्लाह का शुक्र है।<br /><br />वाक़ये बहुत से हैं। हमने तो महज़ एक हल्का सा बयान भर किया है।<br /><br />गांव आज भी पुकारता है। हम बच्चे थे तो सभी के नवासे और सभी के भांजे थे। हमारे खेतों पर काम करने वाले दलित भी और हमारे पड़ौसी ज़मींदार जाट, सभी हमारे नाना-मामू थे और हैं। सभी के घरों में खेलने के लिए हम ऐसे ही बेधड़क घुस जाते थे जैसे कि ख़ुद अपने नाना के घर में। हमारे वालिद सबके दामाद थे। उनकी इज़्ज़त सारा गांव करता था। ऊंच-नीच और अमीरी-ग़रीबी के बावजूद सब एक जान भी थे।<br /><br />गांव की बात ही निराली है। यह सच है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है।<br />मुझे ख़ुशी है कि मुझे ‘भारत की आत्मा‘ से साक्षात्कार करने का मौक़ा मिला और मुझे इस बात की भी ख़ुशी है कि मैंने अपने अनुभव आप से साझा किए।<br /><br />यह मौक़ा बहन रेखा जी के ज़रिये मिला है, सभी के साथ मैं उनका भी शुक्रगुज़ार हूं।<br /><br />हरियाली तीज के शुभअवसर पर आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें .<br /><br />धन्यवाद !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-30290303535827182092011-06-23T09:26:25.017-07:002011-06-23T09:26:25.017-07:00अच्छा लगा पढ़ना .....अच्छा लगा पढ़ना .....निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-72677749694833812772011-06-23T05:46:19.010-07:002011-06-23T05:46:19.010-07:00अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़...अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया.<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-62888232128177482922011-06-23T04:01:48.440-07:002011-06-23T04:01:48.440-07:00bahut khila sa bachpan aur chhuttiyon kee achhi ya...bahut khila sa bachpan aur chhuttiyon kee achhi yaadenरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-25335011294242716352011-06-23T03:57:42.621-07:002011-06-23T03:57:42.621-07:00वाह!
बहुत बढ़िया संस्मरण।
डॉ. साहिब का संस्मरण पढ़...वाह!<br />बहुत बढ़िया संस्मरण।<br />डॉ. साहिब का संस्मरण पढ़कर तो हमें भी गाँवे की याद आ गई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-52445931412156128662011-06-23T00:52:00.049-07:002011-06-23T00:52:00.049-07:00आज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
मैं समय ...आज आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....<br /><br /><br /><a href="http://tetalaa.nukkadh.com/2011/06/blog-post_23.html" rel="nofollow">मैं समय हूँ ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .</a>संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-57538110660406986112011-06-23T00:50:43.067-07:002011-06-23T00:50:43.067-07:00बहुत सुन्दर संस्मरण्।बहुत सुन्दर संस्मरण्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-64829525573755797282011-06-22T23:56:23.444-07:002011-06-22T23:56:23.444-07:00बेहतरीन संस्मरण..वाकई गांव की बचपन की यादें हमेशा ...बेहतरीन संस्मरण..वाकई गांव की बचपन की यादें हमेशा साथ रहती हैं...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com