tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post1383796770523508805..comments2024-02-08T02:17:06.745-08:00Comments on मेरा सरोकार: मी लोर्ड ! हम भूखे मर जायेंगे .रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-47341035313516855282010-09-08T05:14:30.517-07:002010-09-08T05:14:30.517-07:00ऐसे जज हर न्यायालय में होने चाहिएं .... मामलों को ...ऐसे जज हर न्यायालय में होने चाहिएं .... मामलों को जल्दी से जल्दी निपटाना संवेधानिक अधिकार में शामिल होना चाहिए ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-44046001568354898422010-09-02T12:27:28.959-07:002010-09-02T12:27:28.959-07:00आप की रचना 03 सितम्बर, शुक्रवार के चर्चा मंच के लि...आप की रचना 03 सितम्बर, शुक्रवार के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपनी टिप्पणियाँ और सुझाव देकर हमें अनुगृहीत करें.<br />http://charchamanch.blogspot.com/2010/09/266.html<br /><br /><br />आभार <br /><br />अनामिकाअनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-79417476109908840482010-09-02T04:50:59.191-07:002010-09-02T04:50:59.191-07:00श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की बहुत-बहुत बधाई, ढेरों शुभ...श्री कृष्ण जन्माष्ठमी की बहुत-बहुत बधाई, ढेरों शुभकामनाएं!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-26274792865887185652010-09-02T03:49:11.677-07:002010-09-02T03:49:11.677-07:00अगर न्यायपालिका चाहे तो आमूल-चूल परिवर्तन हो सकता ...अगर न्यायपालिका चाहे तो आमूल-चूल परिवर्तन हो सकता है इस व्यवस्था में. अदालत में बोलने का काम केवल वकील लोग करते हैं मुवक्किल बस ज़ुबान पर बस ताला लगा कर खड़े रहने के लिए बुलाए जाते हैं जबकि कई छोटे-छोटे केसों में जहां मामूली सा ज़ुर्माना कर केस ख़त्म किया जा सकता है... वकील साहेबान उसे बाकायदा चलाए रखते हैं, हर पेशी के नोट बनाने के चक्ककर में.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-2600786920163602692010-09-02T03:17:18.070-07:002010-09-02T03:17:18.070-07:00न्यायाधीश जे. वी. वी. सत्यनारायण मूर्ति जैसे न्याय...न्यायाधीश जे. वी. वी. सत्यनारायण मूर्ति जैसे न्यायाधीशों को इस देश का कानून मंत्री बनाया जाना चाहिए क्योकि ऐसे व्यक्ति ही इस देश की न्याय पालिका को सत्य और न्याय की असल परिभाषा सिखा सकते हैं ,रही वकीलों की बात तो ऐसे वकील जो कानून की पढाई पढ़कर सत्य और न्याय को मारकर जीने का साधन जुटाना चाहते हैं के लाइसेंस रद्द कर दिए जाने चाहिए | कास ऐसा हो पाता क्योकि हमारे देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को तो इस देश की व्यवस्था सुधारने में कोई लगाव है ही नहीं ...अगर होता तो इन लोगों द्वारा ऐसे उच्च नैतिक दायित्वों को निभाने वाले जजों को इनके द्वारा तुरंत सम्मानित किया जाता जिससे ऐसे जज्बों में बढ़ोत्तरी होती ...लेकिन इस देश में सम्मानित सिर्फ और सिर्फ निकम्मों और तिकरमबाजों को किया जाता है ...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-58833415074050798062010-09-01T22:56:04.142-07:002010-09-01T22:56:04.142-07:00अच्छी प्रस्तुति।अच्छी प्रस्तुति।कौशल तिवारी 'मयूख'https://www.blogger.com/profile/16054312635296626390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-84887350575781341772010-09-01T20:11:57.972-07:002010-09-01T20:11:57.972-07:00जगरूकता बढाने वाला आलेख।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
...जगरूकता बढाने वाला आलेख।<br /><br />बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br /><br /><a rel="nofollow"> हिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है। </a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-35395208483493593282010-09-01T19:30:21.125-07:002010-09-01T19:30:21.125-07:00वीना,
बहुत बहुत धन्यवाद तुमने यहा...वीना,<br /><br /> बहुत बहुत धन्यवाद तुमने यहाँ तक पहुँचने का प्रयास किया. मुझे पढ़ा और उसको जांचा.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-18755641315156261252010-09-01T12:16:59.137-07:002010-09-01T12:16:59.137-07:00संपूर्ण न्यायप्रक्रिया में बदलाव की जरुरत है.संपूर्ण न्यायप्रक्रिया में बदलाव की जरुरत है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-43538823293875238942010-09-01T10:30:58.151-07:002010-09-01T10:30:58.151-07:00ऐसे जजों के कार्य का सराहना की जाय,उनकी केस निबटने...ऐसे जजों के कार्य का सराहना की जाय,उनकी केस निबटने की प्र्काक्रिया का ज्यादा से ज्यादा प्रचार हो |वकीलों को दरपेशी की बजाय केस के आधार पर मेहनताना मिले |केस की अवधि तय की जाय |<br />तो कुछ असर हो सकता है |अपने म् भूखे रहने की चिंता में लोगो के तमाम जीवन से खेलना तो वकील का पेशा नहीं होता?इसी लम्बी प्रक्रिया और वकीलों के रवैये को देखकर अक्सर यही तो कहा जाता है \भगवान कभी कोर्ट कचहरी के चक्कर न लगवाये |<br />जागरूकता का संदेश देता आलेख |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-43684401640794290212010-09-01T09:35:45.247-07:002010-09-01T09:35:45.247-07:00Rekha ji ! tabhi to kahte hain ki kanoon andha hai...Rekha ji ! tabhi to kahte hain ki kanoon andha hai :)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-15224750637404200312010-09-01T08:31:25.933-07:002010-09-01T08:31:25.933-07:00आप से सहमत है जी, मेरा वास्ता तो कभी नही पडा लेकिन...आप से सहमत है जी, मेरा वास्ता तो कभी नही पडा लेकिन लोगो से सुना है कि ऎसा ही होता है, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-74512100702366789882010-09-01T08:05:51.472-07:002010-09-01T08:05:51.472-07:00shasan pranali jab bhrasht hai to nyaik pranali ka...shasan pranali jab bhrasht hai to nyaik pranali kaise bachegi.logon main jaagrookta laane ka achha prayas hai.janta to har jagah thagi jaati hai kyoki nakkar khane maiin tooti kiawaaaj kaun sune.sab apne swarth main jute hain kaash ese judge desh jyada se jyadah paida kare jisse aam aadmi ko jaldi nyay mile....veena parmarveenahttps://www.blogger.com/profile/00619020232182875576noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-72378897281748114382010-09-01T07:49:54.241-07:002010-09-01T07:49:54.241-07:00काश ऐसे दो चार जज और हों तो कुछ बेड़ा पार लगे ..
...काश ऐसे दो चार जज और हों तो कुछ बेड़ा पार लगे ..<br /><br />जागरूक करने वाला लेख ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2168614474878860491.post-34156487558137281362010-09-01T07:49:17.564-07:002010-09-01T07:49:17.564-07:00एकदम सही लिखा है अपने , मै तो भुक्तभोगी भी रहा हूँ...एकदम सही लिखा है अपने , मै तो भुक्तभोगी भी रहा हूँ वकील की ऐसी हरकतों का , न्याय प्रक्रिया में तेजी आज की जरुरत है , वो कहते है ना justice delayed is justice denied .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.com