हम अंग्रेजी के एक शब्द के कई अर्थ लिखते हैं और ये कई अर्थ आवश्यक नहीं 
है कि हम हर एक का प्रयोग हर स्थान पर कर सकें. हम एक दो शब्दों के साथ ही 
इस को देख सकते हैं. अगर हम अंग्रेजी के "treatment "  शब्द को लें तो 
सामान्य स्थिति में इसको हम इसके अर्थ "व्यवहार" को ले सकते हैं और लेते भी
 हैं , लेकिन अगर इसको हम चिकित्सा क्षेत्र के लिए प्रयोग कर रहे हैं तो 
हमें अपने अनुवाद में इसके "उपचार या चिकित्सा" अर्थ को लेना होगा. हमारी मशीन को ये नहीं पता है कि हम किस प्रकार के वाक्य का अनुवाद करने जा रहे 
हैं, इस लिए हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार क्षेत्र का संकेत भी देना होता है
 कि वाक्य हमारे किस क्षेत्र से सम्बंधित है . तभी हम सही अनुवाद प्राप्त 
कर सकते हैं. 
He  treated  me  very  well .         उसने मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया.
Doctor  treated  me  very  well .  डॉक्टर ने मेरा बहुत अच्छी तरह से इलाज किया.
  
                यहाँ पर हमने एक ही क्रिया को एक ही रूप में प्रयोग किया 
लेकिन वाक्य की ज़रूरत के अनुसार उसके अलग-अलग अर्थ की आवश्यकता होती है और
 हमारा मशीन अनुवाद इसको इसके क्षेत्र के अनुसार ही अनुवादित करता है. 
यही
 बात हम संज्ञा के लिए भी देख सकते हैं.  "code"  संज्ञा  है और इसको हम  
सामान्य अर्थ में संकेत या कूट के रूप में लेते हैं. इसका प्रयोग भी यही 
होता है लेकिन अगर इसी शब्द को क़ानून की भाषा में देखेंगे तो इसका अर्थ 
अलग होता है उस समय हम इसके अर्थ को "संहिता" के रूप में ग्रहण करते हैं. 
इसी
 तरह से हम  किसी एक शब्द, अंग्रेजी शब्द  को, व्याकरण के कई रूपों में देख
 लेते हैं. जैसे कि "back "  - ये शब्द अंग्रेजी में भी संज्ञा, क्रिया, 
विशेषण और क्रिया विशेषण चारों रूप में प्रयुक्त होता है और हिंदी में भी 
हम इसको एक शब्द होने पर ही विभिन्न स्थानों पर प्रयोग के आधार पर सही रूप 
में प्रस्तुत  करके ही सही अनुवाद प्रस्तुत कर सकते हैं. 
                  
 इस कार्य को हम बैंक, चिकित्सा, पर्यटन, क़ानून , कृषि और वाणिज्य सभी 
क्षेत्रों के लिए सही अर्थों में अनुवाद प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाने 
का प्रयास कर रहे हैं. सबके क्षेत्रों के अनुसार शब्दावली का चयन और उनका 
अनुप्रयोग ही हमारे प्रयास को सार्थक सिद्ध करेगा. 

सुन्दर।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (06-08-2017) को "जीवन में है मित्रता, पावन और पवित्र" (चर्चा अंक 2688 पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'