हम अपने स्वास्थ्य के प्रति कितने सजग हैं? ये तो हमसे बेहतर कोई नहीं जानता , लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिनके बारे में हम तब सोचते हैं जब कोई अगला उसका शिकार मुसीबत में पड़ जाता है. अगर किसी साधरण सी बात को हम गंभीर परिणामों में देखते है तो फिर अन्दर तक काँप जाते हैं .
आज सुबह की ही बात है, खबर मिली की मिश्र जी रात में सोये थे और फिर सुबह उठे ही नहीं . कोई परेशानी नहीं थी और घर वालों के अनुसार वे डिनर लेने के बाद आराम से सोये थे. फिर क्या हुआ? एक बड़ी ही अजीब बात सुनने को मिली उन्हें खर्राटे बहुत आते थे और वही उनके जीवन को ख़त्म करने के कारण बने.
वैसे तो खर्राटे एक बात है और मेरी दृष्टि से हर दस लोगों में ८ लोग किसी न किसी रूप में खर्राटे कम या ज्यादा लेते ही है . ये खर्राटे व्यक्ति के निद्रावस्था में सांस का अल्पकाल के लिए अवरोधन की स्थिति है. ये आवाज क्यों आती है? इसके विषय में डॉक्टर के अतिरिक्त सभी अपने अपने विचार प्रस्तुत करते हैं और इसके विषय में दलीलें भी देते है . इन श्वसवारोधन को भी दो रूप में देखा जाता है --
अल्पकालीन श्वास अवरोधन की स्थिति -
इसमें व्यक्ति के वायु मार्ग (श्वसन) सम्पूर्ण रात जल्दी जल्दी बंद होते हैं , जिससे श्वास में अवरोध उत्पन्न होता है. इस स्थिति में फेफड़े वायु लेने का प्रयास करते हैं लेकिन अवरोधित मार्ग के कारण संभव नहीं हो पाता और ये इस स्थिति को एक सामान्य रूप में देखा जा सकता है. इसको हम अपने शरीर की अन्य स्थितियों में एक मानते है।
केन्द्रित श्वसावारोधन की स्थिति -
व्यक्ति की निद्रा की स्थिति में मष्तिष्क फेफड़ों को श्वास लेने का निर्देश नहीं देता है, तब व्यक्ति की श्वसन प्रक्रिया में वायु प्रवाह एवं फेफड़ों में उसका सामान्य रूप से आना और जाना सम्पन्न नहीं होता है. यह स्थिति व्यक्ति के लिए हृदयाघात या अन्य प्रकार की ह्रदय व्याधियों का कारण बन जाती है. क्योंकि यह अल्पकालीन श्वासावरोध फेफड़ों में वायु का संचार नहीं होने देता , जिससे रक्त में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और हृदय को अधिक मेहनत या कार्य करना पड़ता है और इसी स्थिति में ऐसी दुर्घटनाएं हो जाया करती है।
अल्पकालीन निद्रा श्वासावरोधन के कारण :
यह अल्पकालीन श्वासावरोधन तब होता है जब कि व्यक्ति निद्रा के दौरान वायुमार्ग के मध्य बढ़ी हुई मांस पेशियों, जैसे टांसिल का असामान्य रूप से बढ़े होने के कारण अवरोध उत्पन्न होता जाता है. यह तब भी हो सकता है जबान या गले की मांसपेशियां अधिक ढीली हो जाती है और वायुमार्ग अधिक खुला रहता है.
खर्राटे मात्र अल्पकालीन श्वसवारोधन का संकेत है। जिन्हें हम एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया समझ लेते हैं वे कभी कभी बहुत खतरनाक तरीके से जीवन को मुसीबत में डाल देते है .
कोई भी व्यक्ति यदि खर्राटे लेता तो अवश्य ही उसका श्वसन मार्ग आंशिक रूप से अवरोधित होता है. यदि आप तेज खर्राटे लेते हैं और आपकी नींद टूट जाती है, तब आपको इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए . इस स्थिति में आप अपने डॉक्टर से अपने अल्पकालीन निद्रा श्वसवारोधक परीक्षण करवा सकते है . खर्राटे किसी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकते है या फिर यह इसका पूर्व संकेत होते है. इस प्रकार खर्राटों से सचेत रहकर भावी मुसीबत से के लिए तैयार रहेँ .
अल्पकालीन निद्रा श्वासावरोधन का निदान :
खर्राटे के संकेतों से आप अगर सचेत हो रहे हैं तो इसको आसानी से ज्ञात किया जा सकता है. यदि आपके डॉक्टर ये समझते हैं कि आप को अल्पकालीन निद्रा श्वासावारोधन की समस्या है, तो वह आपके लिए आपकी सम्पूर्ण रात्रि की "स्लीप स्टडी" की व्यवस्था - आपकी नींद एवं श्वसन प्रक्रिया की जांच के लिए कर सका है. यह स्लीप स्टडी अस्पताल में विशेष रूप से बनाये गए 'निद्रा केंद्र ' में किया जा सकता है. ज्यादातर 'निद्रा केंद्र ' यथा संभव स्वाभाविक निद्रा के लिए आरामदेह और अनुकूल वातावरण से युक्त होते हैं . जिससे आप स्वाभाविक नीद लें और उसके अवरोध को आसानी से रिकॉर्ड किया जा सके.
पालिसोमनोग्राफी -
'निद्रा अध्ययन कई प्रकार के हो सकते हैं . सबसे अधिक विश्वसनीय एवं पूर्ण तरीका 'पालिसोमानोग्राफी ' कहा जाता है. एक निद्रा तकनीशियन पाली सोमानोग्राम के साथ एक सेंसर आपके शरीर के साथ लगा देता है और इससे आपके शरीर को निम्न प्रक्रिया दिखलाई देती है -- * मष्तिष्क प्रक्रिया (नींद / जागृत स्थिति में )
* नेत्र गतिविधि
* मांसपेशियों एवं पैरों की गतिविधि
* श्वसन तंत्र एवं ह्रदय गतिविधि
* आक्सीजन स्तर
पालिसोमनोग्राम से आपके निद्रा विशेषज्ञ को एक चित्र प्राप्त होता है कि आप कैसे सोते हैं और आपकी निद्रा भंग होने के कारणों को जाना जाता है. इसके अतिरिक्त दूसरे प्रकार के निद्रा परीक्षण भी संभव है, जो कि घर पर भी किये जा सकते हैं लेकिन वे पाली सोमनोग्राम की तरह आवश्यक जानकारी प्रदान नहीं कर सकते है .
अल्पकालीन निद्रा श्वासावरोधन की गंभीरता
ये नींद में श्वास के रुकने की प्रक्रिया एक गंभीर रोग का संकेत हो सकती है लेकिन हम अगर इसके बारे में नहीं जानते तो फिर हम इसके नजर अंदाज करने के कारण और कई परेशानियों का शिकार हो सकते है और अपने सामान्य जीवन में एक व्यवधान पाते हैं . इसके कारण होने वाली संभावित समस्यायों को भी हम इस तरह से समझ सकते है .
अल्पकालीन निद्रा श्वासावारोधन
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१. हाई ब्लड प्रेशर
२. ह्रदय सम्बन्धी समस्याएं ( हार्ट अटैक, हार्ट फेल आदि )
३. स्मृति सम्बन्धी समस्याएं एवं वैचारिकता सम्बन्धी समस्याएं
४. पक्षाघात
५ इन्सुलिन क्षमता वृद्धि
६. मार्ग दुर्घटना या कार्यस्थल दुर्घटना
आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें और यदि आप अल्पकालीन निद्रा श्वासावारोधन से ग्रसित है तो आपको समुचित निदान एवं उपचार के लिए कदम उठाने चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ रहने की दिशा में जागरुक होने का परिचय भी दे।
** यह लेख मैंने अपने पतिदेव की सहायता लेकर ही लिखा है.
बहुत ही उपयोगी एवं सार्थक प्रस्तुति,आपलोगों को सादर धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंउम्दा जानकारी....हमें भी परेशानी थी तो अब मशीन लगा कर सोते हैं.
जवाब देंहटाएंरेखा जी, यह वाकई सही जानकारी है ........ इधर मुझे भी ऐसा हो रहा था,दावा लेने के बाद से आराम है
जवाब देंहटाएंजब से मेरे पतिदेव कीनाक का आपरेशन हुआ है तब से ये समस्या बढ गयी है क्योंकि उनकी नाक की अन्दर की हड्डी हटा दी गयी है और डाक्टर कहते हैं अब इसका कोई इलाज नही है ।
जवाब देंहटाएंयह तो बड़ी गम्भीर समस्या है..
जवाब देंहटाएंअरे ये तो बहुत अच्छी जानकारी है. पर खर्राटों से निजात पाने के भी कुछ उपाय बतातीं तो और अच्छा रहता.
जवाब देंहटाएंविस्तृत तथ्यात्मक जानकारी के साथ उपयोगी आलेख ! यह सबको पढ़ना चाहिए ! आभार आपका रेखा जी !
जवाब देंहटाएंदीदी मुझे भी आते हैं खर्राटे ,जब ज्यादा मानसिक व् शारीरिक थकान वाली काम हो जाती है तो | पर मैंने इन्हें कभी गंभीरता से नहीं लिया | आभार दीदी ......
जवाब देंहटाएं.सार्थक जानकारी भरी पोस्ट . आभार सही आज़ादी की इनमे थोड़ी अक्ल भर दे . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारिपूर्ण आलेख, वाकई छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने भी कभी-कभी आवश्यक एवं कारगर सिद्ध हो सकता है जिससे एक बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है। आभार
जवाब देंहटाएंआप से अधिक आभार आपके पतिदेव का.आपका हिसाब तो टीप के लेन-देन में चल जाता है पर उनका शुद्धपरोपकार है ! .
जवाब देंहटाएंआजकल तीन मास से यह महसूस कर रहा हूँ-
जवाब देंहटाएंडाक्टर को दिखा रहा हूँ-
आभार
मरना इतना आसान हो जाए तो बड़ा ही अच्छा है जी। मतलब की एकदम तैयार रहो कि कब रात को सोते हुए रह जाएंगे। वसीयत वगैरह करवानी हो तो करवा लें। बस मुझे तो चिन्ता इसी ब्लागीय वसीयत की है। अच्छा लेख है जी, जानकारी परक।
जवाब देंहटाएंअजित जी यह मजाक की बात नहीं है , कितने ऐसे किस्से हुए करते हैं ? वसीयत किस बात की - ब्लॉग तो रहेंगे ही न , वे सरे पढ़ने वालों की संपत्ति है कोई एक भी हमारे लोगों के लेखों से प्रेरणा ले सके या फिर सही दिशा दे सकें तो हमारी यही सफलता होगी .
जवाब देंहटाएंखर्राटे तो हम भी बहुत लेते हैं ... लगता है परिक्षण करवाना पढ़ेगा अब ... अच्छी जानकारी देता हुवा लेख ...
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक जानकारी भरा आलेख यह समस्या हर तीसरे व्यक्ति में मिलेगी पर कोई सीरियसली नही लेता बहुत अच्छा किया आपने यह लिखा आपको और आपके पति देव को हार्दिक आभार रेखा जी
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