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बुधवार, 21 सितंबर 2016

आठ वर्ष ब्लॉगिंग के !

         आज मुझे अपने ब्लॉग को शुरु किये हुए आठ वर्ष हो गये । बहुत कुछ सीखा और अपने पाँच ब्लॉग बनाये हैं , अलग अलग उद्देश्य से । ईमानदारी से कहूँगी कि कुछ वर्षों तक तो उनके साथ न्याय कर पायी फिर कुछ  अन्य कार्यों में व्यस्तता और सामाजिक सरोकार में वृद्धि से समय कम दे पायी । 
                    .इस बीच ब्लॉगिंग में भी गुटबाजी का असर देखा और लंबी लंबी कमेंट वाली लड़ाई भी देखी । हम कभी बोले जहाँ देखा कि बोलना जरूरी है । बहुत सहयोगी ब्लॉगर साथी हैं सभी । मैंने कई परिचर्चायें आयोजित की और सबसे बहुत सहयोग मिला । किसी ने ये नहीं सोचा कि नयी हूँ तो अपने विचार क्यों दें? लेकिन समकक्ष मानकर सबने जो साथ दिया अभिभूत हुई ।
                    एक कटु अनुभव भी रहा -- एक सामूहिक ब्लॉग ने मुझे अध्यक्ष बनाया और शायद सोचा था कि एक रबड़ स्टाम्प मिल गया  । मैं पहले से उसकी सदस्य थी और फिर कुछ साथियों ने मना किया कि मैं इस पद को स्वीकार न करूँ क्योकि संस्थापक ही सर्वोपरि हैं । फिर भी मैंने चुनौती स्वीकार की और उस ब्लॉग के अतीत को देखते हुए सबसे पहले एक आचार संहिता बना कर ब्लॉग पर डाली और सबको मानने का अनुरोध भी था । कुछ दिन चला फिर वही वैमनस्य बुढ़ाने वाली पोस्ट आने लगी और आचार संहिता ताक पर । क ई बार विनम्र अनुरोध के बाद भी कुछ रुका नहीं और मैंने पूरी तरह त्यागपत्र दे दिया ।
              फेसबुक के जलवे बढ़ने के साथ ब्लॉग के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ और त्वरित प्रतिक्रिया को देखने के लालच ने सब कुछ वहीं केन्द्रित कर दिया । ब्लॉग सूने हो गये । हम सभी दोषी हैं इसके लिए और नवें वर्ष में प्रवेश के साथ ही रोज न सही लेकिन ब्लॉग पर निरन्तर लिखने के लिए प्रतिबद्धता स्वीकार करती हूँ और सभी ब्लॉग पर जाकर पढ़ने का भी प्रयास करूँगी । हम ही एक दूसरे के हौसले को बढ़ाने का काम करेंगे ।