ये उत्तर प्रदेश है , जहाँ के नेताजी औरतों की अस्मत से खेलने को: लड़कों के जवान खून है - गलती हो जाती है कहकर उनकी पीठ थपथपाने का काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं नेताजी की कही बात को संयुक्त राष्ट्र संघ में भी संज्ञान में लिया गया था। उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए दुष्कर्म के मामले क्या इसी बात सबूत नहीं है कि ' सैया भये कोतवाल अब डर काहे का. '
दिल्ली की निर्भया काण्ड से पूरा देश नहीं बल्कि विश्व के हर कोने से आवाजें उठीं थी। विदेशों में रहने वाले भारतीयों के सिर शर्म से झुक गए थे। फिर क्या हुआ ? कहीं कुछ कमी आई नहीं , फिर मुंबई का शक्ति मिल काण्ड वह भी एक नहीं बल्कि दो दो बार एक ही जगह पर। इन सिरफिरों की हिम्मत तो देखिये। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक दुष्कर्म काण्ड हो रहे है शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा जिस दिन अख़बार में दो से लेकर चार तक दुष्कर्म के समाचार न आते हों। फिर उनमें से कितने आगे बढ़ते हैं ये बात और है और कितने दबंगों के प्रभाव में सामने आ ही नहीं पाते हैं। फिर हमारे मुख्यमंत्री महोदय कहते हैं कि क्यों सिर्फ उत्तर प्रदेश के मामलों को सुर्ख़ियों में लाया जाता है. क्या कहीं और दुष्कर्म के मामले नहीं होते हैं। हाँ होते हैं लेकिन वहां के जिम्मेदार नेता उनकी पीठ नहीं थपथपाते हैं। सिर्फ कुछ ही दिनों में हुए चर्चित मामलों पर एक नजर डालते हैं --
दैनिक जागरण के साभार |
१८ जुलाई : मोहनलालगंज के एक स्कूल में दुष्कर्म के बाद युवती की नृशंस हत्या।
१८ जुलाई : अलीगढ के देहलीगेट क्षेत्र की सगी बहनों को अगवा करके हाथरस में दुष्कर्म। आरोपी दुष्कर्म के बाद हाथरस जंक्शन पर छोड़कर भाग गए।
१३ जून : बदायूं के बिसौरली में महिला को बंधक बनाकर उसके बच्चों के सामने सामूहिक दुष्कर्म।
११ जुलाई : हाथरास के सिकन्दरामऊ की नवविवाहिता को इटावा स्थित ससुराल से ५ युवक अगवा करके लाये । ३ और दोस्तों के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया और घर के बाहर छोड़ गए। १४ जुलाई को घर में जिन्दा जला दिया।
११ जून: बहराइच के रानीपुर में साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या। शव को अमरूद के पेड़ पर टांग कर आरोपी फरार।
४ जून : अलीगढ में महिला जज के आवास में घुस कर दुष्कर्म और हत्या का प्रयास।
३ जून : बरेली में सामूहिक दुष्कर्म के बाद लड़की को तेज़ाब पिलाया , फिर गला घोंट कर हत्या।
२ ८ मई : बदायूं के कटरा सआदतगंज में दो किशोरियों को सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर पेड़ से लटकाया।
२१ मई : अलीगढ में दुष्कर्म में नाकाम होने पर युवती को जिन्दा जलाया।
मासूमों पर कहर :
८ जुलाई : आगरा के छटा में घर में घुसकर बालिका से दुष्कर्म।
२६ जून: बहराइच के विशेश्वरगंज में आम बीनने गयी ११ वर्षीया बालिका की दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या।
२२ मई : अम्बेडकरनगर के अहिरौली थाना क्षेत्र के रामनगर जमदरा में कक्षा आठ की छात्रा से दुष्कर्म।
२० मई : आगरा के सैया क्षेत्र के किशोर ने बच्ची से किया दुष्कर्म।
७ अप्रैल: आगरा में आठवीं की छात्रा को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म ।
५ अप्रैल : आगरा में कार सवारों ने छात्रा को अगवा कर क्या दुष्कर्म ।
१२ मार्च : बहराइच के नानपारा में शादी के दौरान वीडिओ देखने गयी एक १० वर्षीया बालिका के साथ बाग़ में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या। पुलिस ने दुष्कर्म के बजाय चोट पहुंचा कर हत्या दर्ज की .
१४ फरवरी : रामपुर के शहजादनगर में कक्षा नौ की छात्रा से दुष्कर्म में नाकाम होने पर गला दबा कर हत्या।
१३ फरवरी : शादी में आई मासूम को अगवा करके दुष्कर्म। न्यू आगरा में अमर विहार पुलिस खून लथपथ मिली बच्ची।
रक्षक बने भक्षक :
२४ जून : रामपुर में महिला सिपाही ने हाथरस में तैनात सिपाही के साथ दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया।
१७ जून : इलाहबाद शिवकुटी के दो सिपाहियों पर नौकरी का झांसा देकर युवती से दुराचार का आरोप।
१५ जून : सोनभद्र में सिपाहियों ने रायपुर थाना क्षेत्र में सो रही महिला की अस्मत लूटी।
१२ जून : हमीरपुर में पति से मिलने थाने पर गयी महिला से दरोगा और चार सिपाहियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप।
२९ मई : अलीगढ के सिविल लाइंस थाना परिसर में स्थित सरकारी आवास में एसओजी के सिपाही ने बच्चों को ट्यूशन पढने वाली युवती से दुष्कर्म।
१९ मई : अलीगढ के बन्नादेवी क्षेत्र में महिला के साथ सिपाही ने साथियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
आँकड़ों के साथ पोस्ट।
जवाब देंहटाएंशर्मनाक है यह सब।
उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में।
उत्तर प्रदेश ,बिहार ,इन सभी राज्यों में बलात्कार जैसे घृणित अपराध की संख्या में मानो होड़ लगी है के कौन किस्से आगे निकलता है !
जवाब देंहटाएंआप उस परिवेश से और क्या उम्मीद कर सकते है जहा अश्लील फूहड़ अल्बम गीत एवं फिल्मो के जरिये कूड़ा करकट फैलाया जाता रहा है हमेशा से !
सपाई तो अब संवेदन हीनता के जीते जागते प्रतीक बन चुके है ! उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य रहा है के यहाँ विकास करनेवाले नेता कम और सिर्फ अपनी और अपनी जाती का भला करनेवाले नेता ज्यादा मिले है !
जनता ने भी मुफ्त के प्रलोभनो के मोह में ऐसी सरकार चुनी है !
चिंताजनक स्थिति!
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