मित्रता हो तो ऐसे हो कि भगवान भी ईर्ष्या करे।
चाहे जीवन के अँधेरे जो साए से हम साथ रहें।
धन दौलत से दूर कहीं हाथ थाम कर गिरे वक्त में
हम सब दुनियाँ में सबसे पहले अपनों के साथ रहें.
ये रिश्ता कुछ मांगता नहीं है बस देता है सब कुछ
जब खून भी पानी होने लगता है तो उस वक्त
हाथ में दीपक लिए पीछे पीछे चल देता है कहीं
मेरे यार को ज़माने की कोई दूसरी ठोकर न लगे।
चाहे जीवन के अँधेरे जो साए से हम साथ रहें।
धन दौलत से दूर कहीं हाथ थाम कर गिरे वक्त में
हम सब दुनियाँ में सबसे पहले अपनों के साथ रहें.
ये रिश्ता कुछ मांगता नहीं है बस देता है सब कुछ
जब खून भी पानी होने लगता है तो उस वक्त
हाथ में दीपक लिए पीछे पीछे चल देता है कहीं
मेरे यार को ज़माने की कोई दूसरी ठोकर न लगे।
अपने सभी मित्रों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं, उन सभी को जो मेरे कठिन से कठिनवक्त में भी दूर से ही सही मेरे साथ रहे और मुझे साहस देते रहे उन परिस्थितियों से लड़ने के लिए। मैं अपने सभी मित्रोंकी चिर ऋणी हूँ क्योंकि ऐसे में कुछ बहुत अपने कहे जाने वाले बहुत दूर खड़े तमाशा देख रहे थे। वक्त गुजर गया औरमित्रों के दीपक अब भी मेरे चारों ओर जल रहे हैं और मुझे रोशनी दे रहे हैं। ये सदा इसी तरह से जगमगाते रहें।
shubhkamnay
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंमित्रतायें बनी रहें।
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसमीर लाल
आपसी समझ ही मित्रता का मूल मंत्र है... विपत्ति में मित्र की पहचान होती है ... जो उस वक़्त साथ दे , वही मित्र है ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ
मित्रतादिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है!
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंआपको भी मित्रता दिवस पर शुभकामना।
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें
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