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शुक्रवार, 14 जून 2013

विश्व रक्तदाता दिवस !

चित्र गूगल के साभार 
                              

                      हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं रक्त सम्बन्ध और उनके लिए हम कुछ भी करने को तैयार होते हैं लेकिन अगर उन्हीं को रक्त देने का मौका आ जाय तो डर कर पीछे हट जाते हैं .  कुछ भ्रांतियों से शिकार हम अपने आप में इतना  नहीं जुटा पाते हैं .लेकिन जो रक्तदान करते हैं वे उन रिश्तों से अधिक गहरे रिश्ते बनाते हैं क्योंकि वे जीवनदाता होते हैं और वह भी बिना किसी स्वार्थ के . 

                                 आज का दिन (१४ जून ) विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता  है . वैसे तो कहते हैं कि  जीवन देने और लेने वाला इश्वर होता है लेकिन इस धरती पर भी भगवान रहते हैं जो जरूरत पर जीवन दान में सहायक होते हैं . वे भगवान  हम और आप ही हैं बस अपनी सोच और इस विषय में जानकारी को अच्छी तरह जान लेना ही काफी होता है .
                                 मुझे के घटना याद है , मैं अपने पति के सभी मित्रों से परिचित तो नहीं हूँ क्योंकि उनका दायरा  बहुत बड़ा है . हम लोग कहीं जा रहे थे तो हमारे  एक परिचित मिले और इनको धन्यवाद देने लगे और बोले यार अब तो हमारा खून का रिश्ता हो चूका है . वैसे इस तरह के काम करके आने पर ये हमें कभी नहीं बताते हैं . हम लोग उनसे मिल कर आगे चल दिए . घर आने पर मैंने उनकी कही बात को पूछा कि  उन्होंने ऐसा क्यों कहा ?
                   तब इन्होने बताया कि इनके छोटे भाई की आंतें उलझ गयी थी और उनको हॉस्पिटल लाया गया उस समय तुरंत ऑपरेशन होना था . उसकी पत्नी बेहोश पड़ी थी , दो छोटे छोटे बच्चे है. बड़े भाई को शुगर होने के कारण  वे नहीं दे सकते थे . उनके ससुराल वाले आये और ब्लड के नाम पर खिसक लिए . ये उस समय वहां पर थे और ये संयोग था कि  इनका ब्लड ग्रुप उनसे मिलता था . इन्हें सोचने की जरूरत नहीं पडी  और इन्होने एक यूनिट खून उनको दिया और उनका ऑपरेशन हो गया और वे आज अपने परिवार के साथ स्वस्थ हैं . बस उसके बाद  ये उस बात को भूल गए थे .
                  मेरे बताने का मतलब सिर्फ इतना है की कभी कभी जब खून की जरूरत होती है तो वह ग्रुप नहीं मिलता है या फिर ताजे खून की जरूरत होती और कम मिलने वाले ग्रुप के लिए एक बड़ी समस्या हो जाती है . एक बार मैं भी अपनी बेटी के लिए फँसी थी उसका ग्रुप AB + था और उसके प्लेटलेट्स बड़ी तेजी से गिर रहे थे उसके लिए प्लाज्मा की जरूरत थी . मुझे फख्र इस बात का है कि आई आई टी के कई बच्चों ने आकर अपना खून दिया था और तब हम उसको बचा पाए थे . मैं उन बच्चों की आजीवन शुक्रगुजार  रहूंगी .
                   आज एक अपील  उस वर्ग से जो रक्तदान के लिए सक्षम हैं . अपने अपने क्षेत्र में युवाओं को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वक्त पर रक्त देने के लिए संकल्पित रहें . ये न पैसे से खरीदा जा सकता है और न दौलत इसका निर्माण कर सकती हैं . कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं का निर्माण भी इस काम में सहयोग प्रदान कर सकती हैं . वे युवाओं के ब्लड ग्रुप के साथ उनकी पूरी जानकारी रखें ताकि उनसे संपर्क करके इच्छुक युवाओं से संपर्क किया जा सके . 
रक्तदान के लिए पात्रता : 
१. रक्तदान करने वाले की आयु १८  वर्ष से अधिक हो .
२. रक्तदाता को शुगर , BP या अन्य कोई घातक रोग की शिकायत नहीं होनी चाहिए  . गर्भवती महिलायें भी रक्तदान के लिए उचित पत्र नहीं होती हैं . 
३. एक बार में सिर्फ एक यूनिट रक्त ही दिया जा सकता है और शरीर की स्थिति २४  घंटे में सामान्य हो जाती है . 
४. किसी प्रकार के नशे के आदि व्यक्ति भी इसके लिए सही सिद्ध नहीं हो पाते है .
५.  पेशेवर रक्तदाता के रक्त को नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये अपने खून का व्यापार करते हैं 

 

8 टिप्‍पणियां:

  1. आज के दिन के लिए एक बेहद उम्दा प्रस्तुति ... काफी सहज तरीके से आप ने रक्तदान के महत्व को समझा दिया !

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  2. दान कोई भी हो महान ही होता है फिर चाहे नेत्र दान हो या रक्त दान बढ़िया आलेख...

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  3. हर स्वस्थ व्यक्ति समय-समय पर यह शुभ कार्य करने लगे तो बहुत से बहुमूल्य जीवन बच जाएँ !

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  4. बड़ी महत्वपूर्ण बात बताई आपने रेखा जी ! कई लोग झिझकते हैं कि खून देने से उनके शरीर में खून की कमी हो जायेगी जब कि ऐसा बिलकुल नहीं है ! रक्तदान से बढ़ कर अन्य कोई दान नहीं है क्योंकि यह दान किसी मरीज़ का जीवन बचाने के लिये किया जाता है

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