पानी चाहिए और एक नल |
वैसे भी समरथ को नहि दोष गुसाईं - दोष तो उनका है जो सड़क पर लगे नालों पर अपनी अपनी बाल्टियों और डिब्बों की क़तार लगा कर घंटों खड़े रहते हैं और तब उनको पानी नसीब होता है. हम घरों में बैठ कर सबमर्सिबल लगा कर तेज धार पानी को यूं ही चला देते हैं और ऊपर रखी टंकी भरने के बाद भी वह कितनी देर तक बहता रहता है क्योंकि हम उसको चला कर भूल जाते है . वह पानी नालियों में चला जाता है . हमारे कूलर कितना पानी पी जाते हैं क्योंकि हमें कुछ तो ठंडक में रहने का हक है.
अब जब कि धरती के अन्दर का पानी भी बड़ी बड़ी फैक्ट्री और टेनरियों से निकले रासायनिक पदार्थों के समाने से प्रदूषित हो चुका है . जब इनके चलते गंगा भी एक गन्दा नाला बन कर रह गयी है. हमें पीने के लायक पानी कहाँ से मिलेगा ? इसी पानी के पीने से , नहाने से कितने संक्रमण और चर्म रोगों से लोग ग्रसित हो रहे हैं क्योंकि उनके पास पानी प्राप्त करने के साधन सीमित और यही बचे है .
हम घर में वाटर प्यूरीफायर लगा चुके हैं क्योंकि हमें प्रदूषित पानी पीने से कोई बीमारी न हो जाए क्योंकि अधिकतर संक्रमण दूषित पानी के कारण ही होते है . लेकिन हम कभी इस विषय में नहीं सोच पाए कि एक लीटर आर ओ से निकले हुए पानी से तीन लीटर प्रदूषित पानी नाली में बह जाता है . वैसे तो मैंने भी इस तरफ काफी दिन तक ध्यान नहीं दिया लेकिन पिछले दिनों से मैं उस पानी को नापने की सोची और उस ट्यूब को एक बाल्टी में डाल दिया तब पता चला कि उससे एक लीटर पानी लेने पर तीन लीटर पानी बह जाता है . मेरे अनुमान से करीब पचास प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरीके से इसको प्रयोग कर रही है तो हम कितना पानी बहा भी रहे हैं और कुछ लोग गन्दा बदबूदार पीने के लिए मजबूर है .
फिर क्या सोचा आपने इस पानी की बर्बादी को रोकने के लिए - वही मेरी तरह से उस पानी को एक बाल्टी में संचित कर लीजिये और अगर अपने गमले रखे हुए हैं तो उसमें डालने के लिए सीधे नल का पानी न डाल कर इस पानी को डाल कर उसका सदुपयोग कर सकते है . उससे घर की धुलाई के लिए प्रयोग कर सकते हैं . लेकिन उस पानी को यूँ ही नाली में मत बहने दीजिए . ये अवश्य है कि इसके लिए आपको कुछ तो प्रयास करने होंगे . कहाँ कहाँ हम पानी को बहाने से रोक सकते हैं इस पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि अगर कभी हम ऐसे हालत में फँस जाते हैं तो हमें अपने घर के इस बहते हुए पानी की बहुत याद आती है .
हालत पर गौर कीजिये और फिर सोचिए कि अगर एक इंसान इस पर ध्यान दे और इसके प्रति जागरूक हो तो फिर कितने लीटर पानी का सदुपयोग हो सकता है. कृपया ध्यान दें और भविष्य में आने वाले जल संकट से विश्व को बचाने में अपना सहयोग करें . .
एक और बात- वर्षा का सारा पानी बेकार बह जाता है,इमारतों में यह व्यवस्था आवश्यक होनी चाहिये कि उसे ठीक से संचित किया जाये!
जवाब देंहटाएंआगे क्या होगा ...सोचकर ही डर लगता है |
जवाब देंहटाएंजहाँ तक हो सकता था, पानी सोख लिया गया है। पानी के लेकर त्राहि त्राहि मचने लगी है।
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