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बुधवार, 1 अगस्त 2012

भैया मेरे राखी के बंधन .........!

राखी के रेशमी तागे का अटूट बंधन
               कल रक्षाबंधन है और ये भाई बहन के पवित्र रिश्ते को एक अटूट बंधन में बंधे रहने का मौका होता है। इस दिन सभी भाइयों को जो बहनों के पास होते हैं और जो दूर होते हैं अपनी बहन की और बहन को भाई की याद आती है। राखी इन्तजार करती हैं और भाई उस राखी का जो वह भेज देती हैं दूर देश से .
                नहीं जानती की कौन इसको कैसे लेता है?  आज भौतिकवादी युग में राखी का मोल भी धन से तौला जाने लगा है.  बहनों को गिफ्ट भी फरमाइश  के अनुसार चाहिए  होता है। कुछ बहनें अपनी राखी , मिठाई और बाकी खर्चे को तौल कर ही मिलने वाले उपहार की आशा करती हैं और भाई भी अब सोचने लगते हैं कि  इंतनी सारी बहनों को कहाँ तक दिया जाय? अगर बहन एक या दो से अधिक है तो। बोझ बनता सा लग रहा है ये उत्सव हर माँ  चाहती है कि  मेरी बेटियां आई हैं तो भाई भाभी उनका स्वागत तो करें ही साथ ही अच्छा सा उपहार देकर विदा भी करें और बहने भी यही सोचती हैं ,लेकिन भाई तो एक ही है न सबको उपहार देकर विदा करता है। फिर सब आपस में चर्चा करती हैं कि अरे हमारा तो इतना खर्च हो गया और मिला क्या ? मानो रक्षाबंधन एक लेन देन का मौका हो। एक प्यार और आशीष से जुड़ा अवसर इसी बहाने कब के दूर हुए भाई बहन को मिला देता है. मौका होता है कि  बचपन की यादों को दुहरा कर थोडा सा बचपन फिर से जी लिया जाय कितना सुखद लगता है?  ये एक ऐसा रिश्ता होना चाहिए जिसमें कोई स्वार्थ, लेन देन और मूल्य का कोई स्थान न हो। निःस्वार्थ प्यार का प्रतीक है ये रिश्ता। और किसी का तो नहीं जानती लेकिन मैंने जिसको भाई कहा उसके लिए जीवन भर के रिश्ते में बाँध कर ही चली हूँ और उसे निभा रही हूँ। इसी से अपने तो अपने होते ही है जो इस बंधन से जुड़ जाते हैं वे भी अपने ही होते हैं और जीवन भर अपने रहते हैं।
                    आज से ही मैं कल के लिए अपने सभी भाइयों वह जो इस नेट से जुड़े हैं और वे सभी जो मुझे दीदी कह कर मान देते हैं . सभी को मेरा आशीष और शुभकामनायें ! मेरे सभी भाई जीवन में सुख , समृद्धि और आरोग्य से सम्पन्न रहें।
                   

                

10 टिप्‍पणियां:

  1. सभी बहाने शायद ये लेन - देन की बात नहीं सोचतीं ... फिर भी यदि ऐसे विचार मन में आते हैं तो रिश्ते में खटास ही लाते हैं .... सार्थक लेख

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    1. संगीता जी,
      सभी लोग एक से कभी नहीं हुए और न होंगे लेकिन आज के माहौल में अर्थ को ही महत्ता दी जाने लगी है. मैंने खुद सुना और देखा है. ईश्वर इन रिश्तों को सिर्फ स्नेह और रक्षा के धागे से बांधे रखे. यही कामना है.

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  2. इस स्‍नेहिल पर्व की आपको भी अनंत शुभकामनाएं

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  3. bhaai bahan ka paavan rishta agar dhan ke taraazoo me taulne lage..to fir jindagi me jeene layak kuchh n bacha...rishte to anmol hote hain...itne keemti ke diwali si utar aaye man me...

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  4. इस पावन पर्व पर आपको बहुत बहुत शुभकामनाये :-)

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  5. बहुत ही सुन्दर .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये

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  6. बहुत सुन्दर!
    श्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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