कैंसर विश्व में इस समय सबसे बड़ी और गंभीर बीमारी बनी चुकी है और इसके रोगी दिन पर दिन बढ़ते चले जा रहे हैं बल्कि ये कहें कि हमारी मानसिकता इस बारे में ऐसी बन चुकी है कि अगर किसी को इस रोग का शिकार बता दिया गया है तो सिर्फ मरीज ही नहीं बल्कि उसके परिवार वाले भी उसकी सुनिश्चित मौत के खौफ से भयभीत हो जाते हैं। भले ही वह बाद में ठीक होकर अपना सामान्य जीवन व्यतीत करे। कैंसर का होना आसानी से और प्राथमिक अवस्था में ज्ञात ही न inहीं हो पाटा है क्योंकि जब वह अपने पूर्ण परिपक्व रूप में शरीर को अपने गिरफ़्त में ले लेता है तब उसके कुछ लक्षण प्रकट होते हैं। इसके द्वारा शिकार बनाये गए लोगों के कोई विशेष लक्षण नहीं होते और न ही इसके लिए कोई उम्र का बंधन होता है। कभी भी किसी को भी कैंसर हो सकता है।
इस रोग का इलाज बहुत सस्ता भी नहीं होता है और सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज करवाना शायद कोई पसंद नहीं करता है। अब तो बड़े बड़े शहरों में भी कैंसर के अस्पताल खुल चुके हैं और वहां पर भी इलाज हो रहा है। लेकिन इसके बाद यह शरीर में नहीं फैलेगा इसकी कोई भी गारंटी नहीं ले सकता है। यहाँ तक कि खुद कैंसर विशेषज्ञ इसा बारे में सुनिश्चित नहीं हो पाते हैं।
इस रोग की जैसी भयावहता बढाती जा रही है , वैसे ही इसके इलाज के लिए शोध हर स्तर पर और हर देश में चल रहा है। अभी हाल ही में इस पर किये गए शोध और उसके सफल परीक्षण ने आम आदमी के लिए एक आशा का दीप जलाया है कि हर गरीब और अमीर मरीज इसको कर सकेगा।
विश्व में कैंसर के इलाज के लिए अरबों खरबों रुपये पानी की तरह बहा दिए गए
हैं, लेकिन कोई भी दवा पूरी तरह से कैंसर को जड़ से ख़त्म करने का दबा नहीं कर सकती है । अब तक किसी भी चिकित्सा पद्यति में जो इलाज उपलब्ध है वह कैंसर को ख़त्म करने का दवा नहीं कर सकता है , सिर्फ कैंसर को
बढ़ने से रोक देती हैं।
कैसे होता है कैंसर :--
डॉ. डैंग ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शरीर
में हर सेकेंड लाखों सेल्स खत्म होते हैं और नए सेल्स उनकी जगह ले लेते
हैं। लेकिन कई बार नए सेल्स के अंदर खून का संचार रुक जाता है और ऐसे ही
सेल्स एकसाथ इकट्ठा हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ता है। इसी को ट्यूमर कहा
जाता है।
उन्होंने
बताया, ट्यूमर सेल्स में आक्सिजन पूरी तरह खत्म हो जाती है, तो उसे मेडिकल
भाषा में हिपोक्सिया कहते हैं। हिपोक्सिया की वजह से तेजी से उस हिस्से का
पीएच लेवल गिरने लगता है और ट्यूमर के ये सेल एसिड बनाने लगते हैं। इस
एसिड की वजह से पूरे शरीर में भयंकर दर्द शुरू हो जाता है। अगर इन सेल्स का
तुरंत इलाज न किया जाए तो ये कैंसर सेल्स में तब्दील हो जाते हैं। डॉ.
डैंग के मुताबिक, बेकिंग सोडा मिला पानी पीने से शरीर का पीएच लेवल भी
मेंटेन रहता है और एसिड वाली समस्या न के बराबर होती है। डॉ. डैंग ने बताया
कि कई बार कीमोथेरेपी के बावजूद भी ऐसे कैंसर सेल्स शरीर में रह जाते हैं,
जो बाद में दोबारा से शरीर में कैंसर सेल्स बनाने लगते हैं। इन्हें T
सेल्स कहते हैं। इन टी सेल्स को नाकाम सिर्फ बेकिंग सोडा से ही किया जा
सकता है। उन्होंने बताया कि हमने ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के ट्यूमर सेल्स
पर बेकिंग सोडा के प्रभाव की जांच की और हमने पाया कि बेकिंग सोडा वाला
पानी पीने के बाद जिस तेजी से ट्यूमर सेल्स बढ़ रहे तो वो काफी हद तक रुक
गए।
अमेरिका
के लडविंग इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च में वैज्ञानिकों के दल ने
हाल ही में कुछ नए शोध किए। इस टीम की अगुवाई मशहूर कैंसर वैज्ञानिक और
जॉन हॉप्किंग यूनिवर्सिटी के ऑनकोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) डॉ. ची वान डैंग
ने की। उन्होंने कहा कि हम सालों तक रिसर्च कर चुके हैं और अब तक कैंसर के
जो भी इलाज मौजूद हैं वो काफी महंगे हैं। हमने जो शोध किया उसमें चौंकाने
वाले नतीजे सामने आए हैं। आपके किचन में रखा बेकिंग सोड़ा कैंसर के लिए
रामबाण औषधि है।
डॉ.
डैंग के मुताबिक, हमने बेकिंग सोडा पर लंबी रिसर्च की और जो परिणाम हमें प्राप्त हुए हैं उनके बारे में हमने सोचा भी नहीं था। उन्होंने बताया कि यदि कैंसर का
मरीज बेकिंग सोडा पानी के साथ मिलाकर पी ले तो कुछ ही दिनों में इसका असर
दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी और महंगी दवाओं से भी तेजी से
बेकिंग सोडा ट्यूमर सेल्स को न सिर्फ बढ़ने से रोकता है, बल्कि उसे खत्म भी
कर देता है।
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डॉ वॉन डैंग ने कहा कि पहले भी ये बात आप सुन चुके होंगे कि बेकिंग सोडा
कैंसर समेत कई बीमारियों का इलाज है। लेकिन अब हम प्रमाणिक तौर पर कह सकते
हैं कि कैंसर का सबसे सस्ता और अच्छा इलाज बेकिंग सोडा से मिला पानी है।
उन्होंने बताया कि जिन लोगों पर हमने प्रयोग किए उन्हें दो हफ्तों पर पानी
में बेकिंग सोडा मिलाकर दिया और सिर्फ 2 हफ्ते में उन लोगों के ट्यूमर
सेल्स लगभग खत्म हो गई !
*ये लेख एक शोध रिपोर्ट के आधार पर लिखा गया है। |
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व कैंसर दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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